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मानवता को शर्मसार कर देने वाला घटना😓ऐसे लोगों को मानव जात मैं रखना सही नहीं।जो भी इस तरह की सोच रखते हैं वो ......

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मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना,
भूखी व गर्भवती हथनी को मनचलों ने खिलाया पटाखों से भरा अनानास, दर्द से खरे खरे तोर दिए हथनी ने दम।

केरल से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी. आप इंसानियत पर सवाल उठाने लगेंगे. आप ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर कैसे कोई इस हद तक वहशीपन कर सकता है. दरअसल, केरल में बुधवार को एक गर्भवती हथिनी की पानी में खड़े-खड़े मौत हो गई. उसे किसी ने अनन्नास खिलाया था. उस अनन्नास के अंदर  जलाए जाने वाले पटाखे और अनार भरे हुए थे, जिसको खाने के बाद हथिनी के मुंह में यह फल फट गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई.यह मामला सबके संज्ञान में तब आया जब केरल के अधिकारी ने इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की. भूखी गर्भवती हथिनी खाने की तलाश में जंगल से भटक कर रिहायशी इलाके में पहुंच गई. जब हथिनी सड़क पर टहल रही थी, तभी किसी ने उसे  जलाए जाने वाले पटाखे और अनार भरा हुआ अनानास खिला दिया.
फॉरेस्ट अधिकारी कृष्णन के फेसबुक पर दी गई इस जानकारी के बाद से लोगों में काफी आक्रोश है. लोग इस क्रूरता के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. फॉरेस्ट अधिकारी कृष्णन ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि उस भूखी गर्भवती हथिनी ने हर किसी पर भरोसा किया, लेकिन जब वो अनानास उसके मुंह में फट गया तो वह दंग रह गई. उस वक्त वह अपने बारे में नहीं सोच रही होगी बल्कि वह अपने 18-20 महीने के बच्चे के बारे में सोच रही होगी जो उसके गर्भ में था. इस भूखी गर्भवती हथिनी ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, जबकि वह बहुत दर्द में थी. उसने फिर भी किसी का घर नहीं तोड़ा, इसलिए कहता हूं कि दैवीय हथिनी थी.

जानकारी के मुताबिक, भूखी गर्भवती हथिनी ने जब पटाखे भरा अनानास खाया तो वह वेल्लियार नदी तक गई और पानी में खड़ी हो गई. फोटो में देखा जा सकता है कि हथिनी काफी देर तक मुंह और सूंड को पानी में डुबोकर खड़ी रही ताकि उसे असहनीय दर्द से कुछ राहत मिल सके. फॉरेस्ट अधिकारी का कहना है कि गर्भवती हथिनी ने ऐसा इसलिए किया होगा ताकि उसके घाव पर मक्खी ना लगे. फॉरेस्ट अधिकारी  ने बताया कि हथिनी को पानी से निकालने के लिए उन्होंने दो हाथियों की मदद ली लेकिन मुझे लगता है कि उसे कुछ अंदाजा हो गया था इसलिए उसने हमें कुछ भी करने की अनुमति नहीं दी. घंटों तक राहत और बचाव कार्य किया गया लेकिन 27 मई को शाम 4 बजे हथिनी ने नदी में खड़े-खड़े दम तोड़ दिया.

हथिनी की मृत्यु के बाद उसे एक ट्रक में रखकर जंगल ले जाया गया, जहां अधिकारियों ने उसका अंतिम संस्कार किया. फॉरेस्ट अधिकारी ने बताया कि हथिनी को हमने वो विदाई दी जिसकी वह हकदार थी. इसलिए हम उसे वहीं लेकर गए जहां वह बड़ी हुई थी. वहां उसका अंतिम संस्कार किया गया.

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