क्या होरहा हैं मेरे देश मैं मुझे पता नहीं पर जो भी अब होरहा है वो कतए गलत हैं। जब हमारे देश के ग़रीब मजदूर भूखे मर रहे थे तब ये लॉकडौन का पालन कराया जा रहा था जब इनके पास पैसे नही थे तो ये पैदल अपने घर की ओर निकले और रस्ते मैं बहुत तरह की कठिनाइयों का सामना करते हुए ये आपमे घरो तक पहुँचे हैं। अब क्या होगया हैं हमारे राजनेताओं को अब क्यों नहीं बोल रहें की लॉकडौन का पालन अच्छे से करे अब क्यों छूट देकर लॉकडौन लगा रहे हैं। ऐसा लग रहा है की अब केंद्र सरकार को लॉकडौन लगाने का मन नहीं। जैसे जैसे लॉकडौन मैं छूट दिया गया है वैसे - वैसे हमारे देश मैं कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संघ्या बढ़ते गई हैं। जब लोगों को लॉकडौन मैं परेशानियों का सामना करना पर रहा था तब तो सरकार इसे पूरे सख्ती के साथ करवा रही थी तो अब क्या हुआ?
सरकार से ग़ुज़ारिश करता हूँ मैं की एक बार 15-20 दिनों के लिए सम्पूर्ण लॉकडौन लगाया जाय इस लॉकडौन के अन्तर्गत किसी को भी कोई भी काम के कर्ण अपने घर से निकलने की अनुमति ना दी जाए और जो भी अपने घर से निकले उसपे कानूनी कारवाई की जाय। सम्पूर्ण लॉकडौन से पहले कुछ दिनों की महोलत दे दी जाए की वो अपने घर की सारी जरूरत मन्द समान अपने घर को ले आए। मोदीजी अपने बहुत कुछ किया है हमारे लिए बस एक बार सम्पूर्ण लॉकडौन लगा कर तो देखिये सायद आपको इस मैं सम्रथन कम मिले क्रिन्तु इसका परिणम देशहित मैं ही होगा।
Twitter पे #टैग का इस्तमाल कर के केन्द्रीय मंत्रिगण तक ये पहुँचाये।
#सम्पूर्ण_लॉकडौन #lockdown5.0
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