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निर्देशक:- सुरंजन प्रसाद |
एक अलग तरह की खुशी तो तब मिलती थी जब विद्यालय मैं शिक्षक और माता-पिता की मीटिंग होती थी और पापा की दाट से हमे हमारे निदेशक महोदय बहुत ही आसानी से बचा लेते थे और कहते थे कि अपने भी अपने उम्र मैं बहुत सी सड़ाते की होंगी दाट कर बच्चे का मनोबल मत गिराये। मुझे तो वो लंच वाला समय बहुत याद आता है जब हम लोग बार बार नीचे जाते थे और निर्देशक महोदय को पता लग जाता था फिर भी वो बिना कुछ बोले बहुत कुछ बोल देते थे। मुझे आज भी याद है जब उन्होंने हमारा इंग्लिश व्यकरण का क्लास लिया था तब हमसब बहुत ही डर गए थे क्रिन्ति जैसे जैसे समय बितता गया हमें उनसे पढ़ने मैं बहुत ही आनंद आने लगा । क्लास के बीच मैं उनका ऊर्जा से भर देने वाला उदाहरण बहुत ही अच्छा रहेता था। उन्होंने पूरे विद्यालय चाहें वो छात्र हो या विद्यालय के शिक्षाकर्मी सबको अपना जैसा प्यार दिया। उनके हर फ़ैसले मैं आत्मनिर्भरता कि सिख हम सबको मिलति थी। मैं चाहे जहान भी रहू पर उनकी हर एक बात को मैं अपने जीवन मैं सदैव इस्तमाल करूँगा । उनके जैसा निर्देशक महोदय हर किसी के नसिब मैं नहीं होता है पर मैं आशा करता हूँ की सबको ऐसा निर्देशक महोदय मिले।
इनके महेनत से ये तो साफ होगया की अगर कोई भी इंसान पूरे ईमानदारी से महेनत करे तो उसे कामयाबी जरूर मिलती हैं और कामयाबी मिलने के बाद भी अपने अंदर किसी भी तरह का बदलाव नहीं आने देना चाहिए।इनके अत्मनिर्भरता को मैं सलाम करता हुँ।
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🙏🙏🙏🙏 |
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मेरे निर्देशक महोदय के परिवार की तस्वीरे। |
मेरे निर्देशक महोदया के लिए उनके साथकर्मी बस काम भर के लिए साथ नही हुआ करते थे। मेरे जितने भी शिक्षक थे वो सब मेरे विद्यालय मैं ही अपना आधा से ज्यादा जीवन व्यतीत कर चुके थे।मेरे निर्देशक महोदय ने कभी भी किसी भी शिक्षाकर्मी को अपना ना माना हो ऐसा नहीं हुआ होगा। उन्होंने परिवार को जरूर बड़ा किया है क्रिन्तु सबके साथ मिलके । मेरे निर्देशक महोदया ने हमे आपसी भाईचारा का बहुत ही बड़ा उदाहरण दिया हैं।
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निर्देशक महोदया की सफ़लता दिखाती हुई तस्वीरे।। |
ये तस्वीरे भी बता रही है की मेरे निर्देशक महोदया ने कितनी सफ़लता अपने बलबुते पे हासिल की हैं। उन्होंने अपने मनोबल को कभी भी झुकने नहीं दिया।उनके लीये कोई भी काम छोटा या बड़ा अभी भी नही हैं। वो अत्मनिर्भरता के एक बहुत ही अच्छे जीते-जागते मिसाल है।
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मेरे प्रिये शिक्षक🙏 |
ये तस्वीरे विद्यालय के कुछ भेतरीन शिक्षकों की है जिनसे मैंने बहुत कुछ सीखा हैं। सावल कोई भी विषय का क्यों ना हो पर मुझे उत्तर इनसे हमेसा मिल जाता था।
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