मेरे पास मरने के बहुत से कारण हैं। क्रिन्तु मुझे उस माँ का कर्ज चुकाना हैं जिस ने नो महीने मुझे अपने पेट मैं रखा । उस बाप का कर्ज उतारना है जिस ने आज मुझे इतना बड़ा किया और पढ़ाया। ये कर्ज छोटे काम से कदापि पूरा नहीं होसकता । इस कर्ज को चुकाने के लीये मुझे मेरे माँ बाप के साथ 90 साल का साथ निभाना है तब जा कर भी उस नो महीने का कर्ज स्याद मैं उत्तार ना पाऊ।
जीवन मैं कितनी भी परेशानी क्यों ना आजाये अपने माता पिता के बारे मैं एक बार सोच लेना। आपके माता पिता से बड़ा आपका कोई भी समस्या नहीं होसकता आपके जीवन मैं।
छोड़ने को तो मैं भी छोर दु जीना,
पर क्या मेरे मरने से सब ठीक होजायेगा?
छोड़ने को तो मैं भी छोर दु जीना,
पर क्या मेरे मरने से सब खुस होहायेंगे?
करने को तो मैं भी कर लू आत्महत्या पर सोचता हु मैं अपने माँ के बारे मैं जिसने निस्वार्थ मुझे पाला और बड़ा किया। मेरे पास भी बहुत सी ऐसी समस्या है जिसके बारे मैं सोचकर मुझे भी जीने का मन नहीं करता पर मेरी माँ की ख़ुशी के सामने वो सब बहुत ही छोटे लगते है मुझें।
जो भी अभी ये पढ़ रहे है मैं उनसब से अनुरोध करता हु की उनके जीवन मैं कितनी भी परेशानिया क्यों ना आजाये वो अपने परेशानिया किसी ना किसी विस्वासी आदमी को जरूर बताए। आपके एक गलत फ़ैसले का खामियाजा आपके परिवार को पूरे जीवन उठाना पड़ेगा। अपने बारे मैं सोचना गलत नहीं है क्रिन्तु अपने भलाई के लिए इतना भी मतलबी नहीं होना चाहिए जो किसी और को तकलीफ पहुँचे।
मरने की जब ईक्षा हो ,
सोच लेना अपने माँ के बारे मैं,
माँ के लाडले तो हो तुम,
माँ के आँखों के तारे हो तुम,
टीम नहीं तो कौन बनेगा माँ का सहारा,
जब माँ को होगी तुम्हारी जरूरत तब तुम नही रहोगे तो क्या होगा😓
जीवन मैं कितनी भी परेशानी क्यों ना आजाये अपने माता पिता के बारे मैं एक बार सोच लेना। आपके माता पिता से बड़ा आपका कोई भी समस्या नहीं होसकता आपके जीवन मैं।
छोड़ने को तो मैं भी छोर दु जीना,
पर क्या मेरे मरने से सब ठीक होजायेगा?
छोड़ने को तो मैं भी छोर दु जीना,
पर क्या मेरे मरने से सब खुस होहायेंगे?
करने को तो मैं भी कर लू आत्महत्या पर सोचता हु मैं अपने माँ के बारे मैं जिसने निस्वार्थ मुझे पाला और बड़ा किया। मेरे पास भी बहुत सी ऐसी समस्या है जिसके बारे मैं सोचकर मुझे भी जीने का मन नहीं करता पर मेरी माँ की ख़ुशी के सामने वो सब बहुत ही छोटे लगते है मुझें।
जो भी अभी ये पढ़ रहे है मैं उनसब से अनुरोध करता हु की उनके जीवन मैं कितनी भी परेशानिया क्यों ना आजाये वो अपने परेशानिया किसी ना किसी विस्वासी आदमी को जरूर बताए। आपके एक गलत फ़ैसले का खामियाजा आपके परिवार को पूरे जीवन उठाना पड़ेगा। अपने बारे मैं सोचना गलत नहीं है क्रिन्तु अपने भलाई के लिए इतना भी मतलबी नहीं होना चाहिए जो किसी और को तकलीफ पहुँचे।
मरने की जब ईक्षा हो ,
सोच लेना अपने माँ के बारे मैं,
माँ के लाडले तो हो तुम,
माँ के आँखों के तारे हो तुम,
टीम नहीं तो कौन बनेगा माँ का सहारा,
जब माँ को होगी तुम्हारी जरूरत तब तुम नही रहोगे तो क्या होगा😓
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