मैं आप सब से कुछ पूछना चाहता हु और कुछ बताना भी चाहता हु। हमारे देश मैं अभी चारों तरफ़ से चीन के समान का बहिष्कार करने की बात चल रही है। इस पर इसबार केन्द्र सरकार भी आक्रमक अंदाज़ मैं फ़ैसले ले रहे हैं।
तो मेरा सवाल ये है की आज कल के जीवन मैं किसी की भी ज़िनदगी बिना स्मार्टफोन के बिना नहीं चल सकती । हमारे देश मैं 80% से भी ज्यादा स्मार्टफोन चीन के हैं । अब आपको भी ये पता होगा की हमारे देश मैं कोई भी ऐसी स्मार्टफोन की कंपनियां नहीं है जोकि चीन को थोड़ा से भी टक्कर दे सके । आप सभी को ओट होगा की बिना स्मार्टफोन आजकल जिन कितना कठिन हैं।
अब ये भी आप जानते होंगे की हमारे देश के IITian पूरे विशव मैं फैले हुए है और इनकी मांग भी बहुत हैं।
हमारे देश मैं सारे के सारे युवा नौकरी के पीछे पागल हैं ऐसा क्यों?
हमारे देश मैं सब दूसरे देश के कंपनियां को न्यौता देकर बुलाया जाता है की यहाँ आकर आप करोबार कीजिये ऐसा क्यों?
क्या केंद्र सरकार दुवारा जो भी योजना लाई जाती है वो सबके सब बस नाम के लिए होती है?
हर साल जो लाखों बच्चे इंजीनियरिंग करते है क्या वो बस डिग्री लेने के मकसद से पढ़ते है?
जब हमारी सरकार हमें कोई दूसरा विकल्प ही नही देगी तो हम क्या करे?
सरकार आम जनता को बोल रही है की चीन के सामग्री का बहिष्कार करे और जो बड़ी बड़ी कंपनीयां है वो खुले तौर पर उसी चीनी समाग्री का प्रचार कर रही है क्या ऐसे ही होगा बहिष्कार?
जब सच मैं बहिष्कार करना ही है तो समाग्री को हमारे देश मैं आने ही क्यों दिया जा रहा हैं? अगर आने भी दिया जा रहा है तो उसपे टैक्स आम समाग्री से ज्यादा क्यों नही लगाया जा रहा?
मैं चीनी समाग्री के बहिष्कार के लिए तयार हु क्या आप तयार है?
तौर भोर मचाने से अच्छा है की हम सभ्य तरीके से बहिष्कार करें।
तो मेरा सवाल ये है की आज कल के जीवन मैं किसी की भी ज़िनदगी बिना स्मार्टफोन के बिना नहीं चल सकती । हमारे देश मैं 80% से भी ज्यादा स्मार्टफोन चीन के हैं । अब आपको भी ये पता होगा की हमारे देश मैं कोई भी ऐसी स्मार्टफोन की कंपनियां नहीं है जोकि चीन को थोड़ा से भी टक्कर दे सके । आप सभी को ओट होगा की बिना स्मार्टफोन आजकल जिन कितना कठिन हैं।
अब ये भी आप जानते होंगे की हमारे देश के IITian पूरे विशव मैं फैले हुए है और इनकी मांग भी बहुत हैं।
हमारे देश मैं सारे के सारे युवा नौकरी के पीछे पागल हैं ऐसा क्यों?
हमारे देश मैं सब दूसरे देश के कंपनियां को न्यौता देकर बुलाया जाता है की यहाँ आकर आप करोबार कीजिये ऐसा क्यों?
क्या केंद्र सरकार दुवारा जो भी योजना लाई जाती है वो सबके सब बस नाम के लिए होती है?
हर साल जो लाखों बच्चे इंजीनियरिंग करते है क्या वो बस डिग्री लेने के मकसद से पढ़ते है?
जब हमारी सरकार हमें कोई दूसरा विकल्प ही नही देगी तो हम क्या करे?
सरकार आम जनता को बोल रही है की चीन के सामग्री का बहिष्कार करे और जो बड़ी बड़ी कंपनीयां है वो खुले तौर पर उसी चीनी समाग्री का प्रचार कर रही है क्या ऐसे ही होगा बहिष्कार?
जब सच मैं बहिष्कार करना ही है तो समाग्री को हमारे देश मैं आने ही क्यों दिया जा रहा हैं? अगर आने भी दिया जा रहा है तो उसपे टैक्स आम समाग्री से ज्यादा क्यों नही लगाया जा रहा?
मैं चीनी समाग्री के बहिष्कार के लिए तयार हु क्या आप तयार है?
तौर भोर मचाने से अच्छा है की हम सभ्य तरीके से बहिष्कार करें।
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